1-सही है जातिगत आधार पर जनगणना-निखिल सबलानिया
2-फासीवाद, साम्प्रदायिकता और दलितजन पेज-1
2(1)-फासीवाद, साम्प्रदायिकता और दलितजन पेज-2
3-'जंग में क़त्ल सिपाही ही होंगे, सुर्ख रु जिल्ले इलाही ही होंगे'-
आज़ाद हिन्दोस्तान से पहले राष्ट्रीय आन्दोलन के दौरान के इतिहास पर गौर करें तो अम्बेडकर-गांधी विवाद हमे प्रस्तुत विषय पर कुछ रौशनी डालता है। गांधी का प्रथक निर्वाचन मंडलों का विरोध करना, अम्बेडकर का प्रथक निर्वाचन मंडलों के सवाल पर अडे रहना किन्तु अंत गाँधी के 'फास्ट अनटो देअथ' के सामने झुक जाना और पूना पेक्ट पर हस्ताक्षर कर गांधी के पक्ष को मान लेने को आप सवर्ण विजय कह सकते हैं चाहें तो सवर्ण चाल या फिर दलित पराभव। औपनिवेशिक शासकों के लिए ये एक फायदा था।
अनुसूचित जाति एवम अनुसूचित जन जातियों पर होने वाले अत्याचारों पर लोकसभा में चर्चा : 19.08.2010 : Discussion regarding situation arising out of increasing atrocities against Scheduled Castes and Scheduled Tribes in the country
2-फासीवाद, साम्प्रदायिकता और दलितजन पेज-1
2(1)-फासीवाद, साम्प्रदायिकता और दलितजन पेज-2
3-'जंग में क़त्ल सिपाही ही होंगे, सुर्ख रु जिल्ले इलाही ही होंगे'-
आज़ाद हिन्दोस्तान से पहले राष्ट्रीय आन्दोलन के दौरान के इतिहास पर गौर करें तो अम्बेडकर-गांधी विवाद हमे प्रस्तुत विषय पर कुछ रौशनी डालता है। गांधी का प्रथक निर्वाचन मंडलों का विरोध करना, अम्बेडकर का प्रथक निर्वाचन मंडलों के सवाल पर अडे रहना किन्तु अंत गाँधी के 'फास्ट अनटो देअथ' के सामने झुक जाना और पूना पेक्ट पर हस्ताक्षर कर गांधी के पक्ष को मान लेने को आप सवर्ण विजय कह सकते हैं चाहें तो सवर्ण चाल या फिर दलित पराभव। औपनिवेशिक शासकों के लिए ये एक फायदा था।
अनुसूचित जाति एवम अनुसूचित जन जातियों पर होने वाले अत्याचारों पर लोकसभा में चर्चा : 19.08.2010 : Discussion regarding situation arising out of increasing atrocities against Scheduled Castes and Scheduled Tribes in the country
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