दवा, डॉक्टर एवं दुकानदार के प्रति भोली-भाली जनता इतना विश्वास रखती है कि डॉक्टर साहब जितनी फीस मांगते हैं, दुकानदार जितने का बिल बनाता है, को वह बिना किसी लाग-लपेट के अपना घर गिरवी रखकर भी चुकाती है. क्या आप बता सकते हैं कि कोई घर ऐसा है, जहां कोई बीमार नहीं पड़ता, जहां
आप सबका हार्दिक स्वागत है! यहाँ पर "प्रेसपालिका" (राष्ट्रीय हिन्दी पाक्षिक) और "ऑल इण्डिया प्रेसपालिका-प्रेस-क्लब" की मौलिक ख़बरों, आलेखों तथा अन्य स्रोतों से प्राप्त संकलित विभिन्न विषयों के अन्य शोधपूर्ण तथा तथ्यपरक आलेखों और विचारों के साथ-साथ देश के प्रमुख प्रान्तों की राजधानियों/प्रमुख शहरों की तथा राजस्थान के सभी जिलों की अन्य पापुलर स्रोतों, समाचार-पत्रों से प्राप्त ताजा खबर, समाचार और हलचल भी प्रस्तुत हैं! सुधि पाठक भी इसमें अपना स्रजनात्मक योगदान कर सकते हैं!
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Friday, November 23, 2012
Thursday, October 20, 2011
केवल एक व्यक्ति को जागरूक करके आप बहुत बड़ी देशसेवा कर सकते हैं!
आज हममें से प्रत्येक व्यक्ति मँहगाई और भ्रष्टाचार से त्रस्त है। हम सभी इन दोनों महादानव के शिकंजे में दिन-ब-दिन फँसते चले जा रहे हैं और हमारा जीवन दिनोंदिन दुःखमय होता चला जा रहा है। अंग्रेजों की गुलामी के समय हम दुःखी तो थे ही पर गुलामी से मुक्ति मिल जाने के बाद भी हम दुःखी ही हैं। गुलामी के समय में हमें गोरे अंग्रेज लूटते थे और अब काले अंग्रेज लूट रहे हैं। हम दुःखमय जीवन सिर्फ इसलिए जी रहे हैं
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