डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
पूर्वी राजस्थान के करौली जिले में गत 4 अक्टूबर को एक तीन वर्षीय बीमार बालक की इस कारण से असमय मौत हो गयी, क्योंकि उस बालक का उपचार करके उसका जीवन बचाने के बजाय कार्यरत डॉक्टर जीएन अग्रवाल ने अस्पताल के लियमों की पालना करवाने को अधिक प्राथमिकता प्रदान की|