एक साधारण व्यक्ति की मौत की कीमत मात्र बावन हजार रुपये है, जबकि ब्रिटिश एयरवेज में यात्रा करने में सक्षम व्यक्ति का थैला गुम हो जाने के कारण थैला धारक हो हुई परेशानी की कीमत एक लाख रुपये। विलम्ब से खाना परोसने और तीन घण्टे विलम्ब से गन्तव्य पर पहुँचने की कीमत 70 हजार रुपये। इससे ये बात स्वत: ही प्रमाणित होती है कि उपभोक्ता अदालतें, उपभोक्ता कानून के अनुसार नहीं, बल्कि उपभोक्ता अदालत के समक्ष न्याय प्राप्ति हेतु उपस्थित होने वाले पीड़ित व्यक्ति की हैसियत देखकर फैसला सुनाती हैं।
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Wednesday, March 20, 2013
उपभोक्ता अदालतें भी करती हैं भेदभाव!
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