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Monday, January 7, 2013

पांच लड़कियों के साथ दुष्कर्म पर नपुंसक बनाया गया!

एक तरफ जहां बलात्कार की घटना को लेकर भारत में किस तरह का कानून हो इस पर विचार-विमर्श चल रहा है, विभिन्न राजनीतिक दलों, राज्य सरकारों से इस विषय पर राय ली जा रही है वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे देश हैं जो बलात्कार जैसे घिनौने अपराध पर कठोर दंड देकर भारत के सामने एक उदाहरण पेश कर रहे हैं. साउथ कोरिया में इस दिशा में कड़ा कदम उठाते हुए वहां के कोर्ट ने पांच लड़कियों का रेप करने वाले आरोपी को रसायनों से नपुंसक करने का आदेश दिया है.

न्यूज एजेंसी के मुताबिक आरोपी का नाम पायो है. पायो लड़कियों से स्मार्ट फोन चैट सर्विस के दौरान मिला था. आरोपी ने लड़कियों की अश्लील वीडियो बना रखी थी और वह उन्हें इन वीडियो को सार्वजनिक करने की धमकी देता था. इतना ही नहीं आरोपी हथियारों के बल पर भी उन्हें धमकाकर पीड़ित लड़कियों का बलात्कार करता था. पायो को यौन उत्पीड़न का दोषी पाए जाने पर अदालत ने उसे 15 साल के जेल की सजा सुनाई. इस दौरान जेल में उसे ऐसी दवाएं दी जाएंगी जिससे उसके भीतर की यौन इच्छा समाप्त हो सके.

एशियाई देशों में साउथ कोरिया ऐसा पहला देश है, जिसने बलात्कार के आरोपी को रसायन से नपुंसक करने का आदेश दिया है. इससे पहले जर्मनी, डेनमार्क, स्वीडन, पोलैंड और अमेरिका के कैलिफोर्निया में ही इस तरह की सजा का प्रवाधान है. भारत में भी बलात्कारियों को रसायन के जरिए नपुंसक बनाए जाने पर विचार चल रहा है. यहां भी बलात्कार के दोषियों को रासायनिक प्रक्रिया से नपुंसक बनाना कांग्रेस के उन प्रस्तावों में शामिल हैं जिन्हें वो जस्टिस जेएस वर्मा के नेतृत्व वाली समिति को सौंपेंगे. हाल ही में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि रेप के मामलों में शामिल लोगों को मौत और रसायन का इस्तेमाल कर नपुंसक बनाने की सजा देने के लिए कानूनों में संशोधन किया जाए.

भारत में एक तरफ बलात्कारियों को नपुंसक बनाए जाने के लिए आवाज उठाए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ राज्य ऐसे हैं जिनकी रेप जैसे जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा पर भी सहमति नहीं है. शुक्रवार को दिल्ली में हुई पुलिस महानिदेशकों की बैठक में लगभग सभी ने बलात्कारियों को उम्रकैद की सजा को ज्यादा कारगर बताया. लेकिन शायद ये राज्य भूल गए हैं कि हमारे यहां उम्रकैद की सजा का प्रावधान है और भारत में उम्रकैद का मतलब है आरोपी का कुछ ही सालों में जेल से बाहर आ जाना.

आइए जानते हैं किन-किन देशों में बलात्कार जैसी घटनाओं पर कैसे प्रावधान हैं :-

भारत: आइपीसी की धारा 376 में आरोपी को दंडित करने का प्रावधान है जिसके तरह आरोपी को दो साल से लेकर 14 साल तक या उम्रकैद की सजा हो सकती है. यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्‍‌नी के साथ रेप करता है तो उसको दो साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. वहीं अगर यदि कोई पुलिस अधिकारी या सिविल सेवक किसी महिला से रेप करता है या कोई व्यक्ति 12 साल से कम उम्र या गर्भवती स्त्री के साथ रेप करता है या गैंगरेप की स्थिति में 10 साल का सश्रम कारावास या आजीवन कारावास, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.

पाकिस्तान: दहशतगर्दी के रूप में पहचाने जाने वाले पाकिस्तान में भी भारत से कड़े कानून हैं. यहां गैंगरेप के मामले में दोषियों को न्यूनतम उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है. किसी महिला के साथ रेप करने पर सामान्यतया 10 से 25 साल की सजा का प्रावधान है. अप्राकृतिक रूप से लैंगिक उत्पीड़न के लिए दो साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.

चीन: चीन दुनियाभर में अपने कड़े नियमों के लिए जाना जाता है. यहां रेप जैसे विशेष मामलों में आरोपी को मौत की सजा देने का प्रावधान है. सामान्यत: रेप के मामले में यहां तीन से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. यदि पीड़िता की आयु 14 वर्ष से कम हो तो कड़ी सजा हो सकती है. गैंगरेप, पीड़िता की मौत या उसके गंभीर रूप से घायल होने जैसे विशेष मामलों में दोषी को फांसी की सजा हो सकती है.

अमेरिका: विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमरीका में भी कड़े कानून हैं. यहां हर राज्य में रेप के लिए सजा के अलग-अलग प्रावधान हैं. टेक्सास में जबरदस्ती, अप्राकृतिक सेक्स, गैंगरेप के बाद यदि जान से मारने की धमकी दी जाती है या पीड़िता की मौत हो जाती है तो दोषी को पांच से लेकर अधिकतम 99 साल तक की सजा हो सकती है. लैंगिक उत्पीड़न पर दो से 20 साल तक की सजा की व्यवस्था है. वाशिंगटन में रेपिस्ट को सामान्यतया पांच से लेकर 15 साल तक की सजा हो सकती है.

ब्रिटेन: लगभग 200 सालों तक भारत पर राज्य करने वाले ब्रिटेन में भी रेप, लैंगिक उत्पीड़न के लिए अधिकतम आजीवन कारावास की सजा है जिसकी अवधि 15 से 40 साल तक की है. लैंगिक रूप से किसी से संपर्क भी लैंगिक उत्पीड़न की श्रेणी में आता है. इस वजह से छह महीने से 10 साल तक की सजा हो सकती है. किसी के साथ लैंगिक गतिविधियों के लिए जबरदस्ती करने से छह माह से लेकर आजीवन कारावास की सजा तक हो सकती है.

रूस: रूस में हिंसा का सहारा या जबरदस्ती लैंगिक संबंध बनाना, पीड़ित की असहाय दशा का लाभ लेकर उत्पीड़न करना रेप की श्रेणी में शामिल है. इस तरह के मामले में तीन से छह साल की सजा का प्रावधान है. गैंगरेप के मामले में चार से 10 साल तक की सजा हो सकती है. 14 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन अपराध करने पर आठ से 15 साल की तक सजा हो सकती है. इस तरह के मामलों में कुल मिलाकर कठोरतम 15 साल की सजा का यहां के कानून में प्रावधान है.

सऊदी अरब: महिला उत्पीड़न और अन्य दूसरे सामाजिक कानूनों की बात की जाए तो सऊदी अरब का उदाहरण हर कोई देता है. यहां शरीयत कानून का पालन किया जाता है. इसके तहत रेप, हत्या, सशस्त्र डकैती जैसे अपराधों के लिए कानून में मौत की सजा का प्रावधान है. ऐसे मामले में दोषियों का सिर कलम कर दिया जाता है.
स्त्रोत : पोस्टेड ओन: 6 Jan, 2013 न्यूज़ बर्थ में, जागरण जंक्शन 

Sunday, January 6, 2013

11 साल के बच्चे से 40 साल की महिला ने किया दुष्कर्म

पीटीआई | Jan 5, 2013, 07.02PM IST

कोच्चि।। जब देश महिलाओं के साथ बढ़ते दुष्कर्म से गुस्से में है वैसे में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। केरल में 40 साल की एक महिला 11 साल के स्कूली लड़के का यौन शोषण करती थी। लड़का शर्म से किसी को बता नहीं पा रहा था। यौन शोषण करने वाली महिला लड़के की पड़ोसी है। यह घटना एर्नाकुलम जिले के पारूर इलाके की है। इस घटना से लोग हैरान हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी महिला को अरेस्ट कर लिया गया है।

लड़के के साथ महिला ने 11 दिसंबर को दुराचार किया था। उसने पूरा वाकया अपने क्लासमेट को बताया। इसके बाद पीड़ित लड़के के घर वालों को पता चला। घरवालों ने पुलिस स्टेशन जाकर एफआईआर दर्ज कराई। इसके फौरन बाद महिला को अरेस्ट कर लिया गया।

नाबालिग लड़के का बयान पुलिस ने ले लिया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों को बचाने संबंधी कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

स्त्रोत : नव भारत टाइम्स, 05.01.13
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उक्त खबर पर कुछ सार्थक टिप्पणियां :-
1-हमारा समाज दोहरी मानसिकता मे जीती है . सच का सामना करना बड़ा मुस्किल होता है , कोई हिम्मत करके कोई सच बोल दे , तो पूरी मीडिया उसी के पिच्छे लग जाती है, पूरी बत को राजनिनितिक रंग दे दिया जाता है. सेक्स को हौआ बना दिया गया है , कोई स्वेच्छा से सेक्स करे/ करवाये तो पुलिस छ्हपआ मरती है , क्योंकि उसे दलाली नही मिलती , आज जरोरत है की एक सेक्स पॉलिसी बने , सेक्स भी उतना ही जरूरी है जितना खाना पीना. कुकर्मी लोग मानसिक बीमारी से ग्रस्त . , उनका इलाज करने की जरूरत है.
 2-भारत मे महिलाए समानता का अधिकार चाहती है ,शायद बलात्कार करने भी, और इस तरह इस औरत ने महिलाओ को पुरुषो के बराबर खड़ा कर दिया है. RIGHT TO EQUALITY AND RIGHT TO EQUAL OPPORTUNITY. इस महिला की यही सजा होनी चाहिये!
 3-मुझे लगता हे सरकार की चाल हे !
 4-कोई भी सजा किसी व्यक्ति के लिंग निर्धारण के बाद तय नही की जाती. जुर्म तो जुर्म होता है चाहे वह महिला करे या पुरुष. दोनो एकसमान सजा के हकदार हैं.
 5-महिलाए तो पहले ही कहती है की हम पुरुषो से किसी भी मामले मे कम नही है, इस बात को इस महिला ने पूरा करके दिखाया है, अब क्या महिलाए इस औरत को फांसी दिलाने के लिये क्या आन्दोलन करेंगी, अब इस चीज को देखना है.
6-यह खबर केवल खबर ही नही बल्कि औरतो के दोहरे चरित्र को भी उजागर कर देगी यदि महिला संगठन इस मामले पर चुप्प लगा जाती है,

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