Wednesday, October 19, 2011

अन्ना हज़ारे और केजरीवाल तानाशाह: राजेंद्र सिंह

टीम अन्ना कोर कमेटी के सदस्य रहे मैगसेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह ने बीबीसी से बातचीत में अन्ना हज़ारे और अरविंद केजरीवाल को ‘तानाशाह’ बताया है और कहा है कि आंदोलन दलगत राजनीति की ग़लत दिशा में जा रहा है.


राजेंद्र सिंह और गांधीवादी पीवी राजगोपाल ने मंगलवार (18.10.11)  को कोर कमेटी से इस्तीफ़ा दे दिया था.
बेहद गुस्से में और उत्तेजित होकर एक सवाल के जवाब में राजेंद्र सिंह ने कहा, “अन्ना और केजरीवाल तानाशाही कर रहे हैं और इसलिए मैंने ख़ुद को इस टीम से अलग किया है. इन दोनों को ये समझ आना चाहिए कि लाखों लोग अन्ना के लिए नहीं आए थे, केजरीवाल के लिए नहीं आए थे. वो देश में भ्रष्टाचार रोकने के लिए इकट्ठा हुए थे.”

कांग्रेस के इन आरोपों पर कि टीम अन्ना को भाजपा और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का समर्थन मिलता रहा है, राजेंद्र सिंह ने कहा “मुझे ऐसा लगा” और कमेटी से बाहर जाने का “ये एक कारण था”.

राजेंद्र सिंह ने कहा कि हिसार लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के विरुद्ध मतदान करने की अपील करने के टीम अन्ना के फ़ैसले का उन्हें पता ही नहीं था.

राजेंद्र सिंह की ये बातें टीम अन्ना के भीतर फ़ैसलों को लिए जाने के तरीके पर कई सवाल खड़े कर रही हैं.
राजेंद्र सिंह की नाराज़गी अन्ना हज़ारे से भी थी. बेहद कड़े शब्दों में राजेंद्र सिंह ने कहा, “अन्ना हज़ारे के साथ केजरीवाल काम करता है. अन्ना को अगर ये लगता कि कोर टीम में कई लोग हैं तो उनको बराबर से सम्मान देकर पूछा जाता. ये काम अन्ना का था कि केजरीवाल को संभालता, केजरीवाल को रोकता. केजरीवाल कैसे तानाशाही कर सकता था. पूर्णरूप से अन्ना था ऊपर. दोष अन्ना का ही है. जो सबसे ऊपर होता है, उसका दोष ज़्यादा होता है.”
हिसार पर फ़ैसला
राजेंद्र सिंह अरविंद केजरीवाल से बेहद नाराज़ हैं.
अरविंद केजरीवाल को जुनूनी बताए जाने पर राजेंद्र सिंह ने कहा, “तानाशाह कभी अच्छा व्यक्ति नहीं होता, चाहे वो जुनूनी हो या फिर कुछ और. अच्छा व्यक्ति वो होता है जो जिन मूल्यों की बात करता हो, उन्हें वो जीता हो.”

राजेंद्र सिंह ने कहा कि मंगलवार को उनकी अरविंद केजरीवाल से ज़बरदस्त बहस भी हुई थी और अरविंद ने उन्हें इस्तीफ़ा नहीं देने को कहा था.

राजेंद्र सिंह ने कहा कि हिसार पर टीम अन्ना के रुख़ पर उन्हें कोई जानकारी नहीं थी और अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह हिसार में प्रचार किया, वो गलत था क्योंकि आंदोलन दलगत राजनीति की ओर जा रहा है.

राजेंद्र सिंह ने कहा, “क्या केजरीवाल हमसे बात करने नहीं आ सकता? अगर वो बिना पूछे फ़ैसले ले सकता है तो दिखाने के लिए हमें कोर टीम में क्यों रखा? मैं कोर टीम में हूँ लेकिन मुझे मालूम नहीं कि ये फ़ैसला कब किया गया था और क्यों किया गया था. हमारा एक छोटा सा समूह है. लोगों से फ़ोन पर बात की जा सकती थी. केजरीवाल भी बात कर सकते थे, अन्ना भी बात कर सकते थे.”

सिंह ने कहा कि जिस तरह से अरविंद केजरीवाल इस आंदोलन का चेहरा बन गए, कई लोगों को ये बात नागवार गुज़री है.

उन्होंने कहा कि लाखों लोग आंदोलन में इसलिए जुड़े थे ताकि आंदोलन से भ्रष्टाचार कम हो, ना कि लोग दलगत राजनीति से जुड़ें, या फिर एक पार्टी को सदाचारी कहा जाए और दूसरे को भ्रष्टाचारी.

“क्या दूसरे राज्यों की सरकारों में भ्रष्टाचार नहीं है. जिस दिशा में ये आंदोलन जा रहा है वो ग़लत है. ये मेरी बातों में जो गुस्सा है, वो मेरा नहीं है. ये उन लोगों का गुस्सा है जिन्हें हमने इकट्ठा किया था. लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या आप भी राजनीति में शामिल हो गए हैं.”

राजेंद्र सिंह ने कहा कि वो आंदोलन को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते और अगर सही मुद्दों को उठाया जाता है तो उन्हें टीम अन्ना से दोबारा जु़ड़ने में परेशानी नहीं होगी.

'अन्ना और केजरावाल तानाशाह'

"अन्ना और केजरीवाल तानाशाही कर रहे हैं और इसलिए मैने खुद को इस टीम से अलग किया है. इन दोनो को ये समझ आनी चाहिए कि लाखों लोग अन्ना के लिए नहीं आए थे, केजरीवाल के लिए नहीं आए थे. वो देश में भ्रष्टाचार रोकने के लिए इकट्ठा हुए थे"-राजेंद्र सिंह, मैगसेसे पुरस्कार विजेता और जल संरक्षक
स्त्रोत : बी बी सी हिंदी  (विनीत खरे, बीबीसी संवाददाता, दिल्ली, बुधवार, 19 अक्तूबर, 2011 को 14:08 IST तक के समाचार)

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