मोटर वाहन दुर्घटना अधिकरण ने कुल क्षतिपूर्ति 170000 रुपये दी और अपील में उच्च न्यायालय ने दर्द, पीड़ा, चिकित्सा व्यय , भावी चिकित्सा व्यय,सुख सुविधाओं से वंचना और भावी आय से वंचित होने की एवज में 222600 रुपये क्षतिपूर्ति निर्धारित की| सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण नाग्रजप्पा बनाम संभागीय प्रबंधक ओरिएंटल इन्सुरांस ( मनु/सुको/0393/2011)आने पर निर्धारित किया गया कि अपीलार्थी एक शारीरिक श्रमिक के रूप में कार्यरत था जिसके लिए उसे दोनों हाथों की जरुरत थीं| इस प्रकार क्षतिपूर्ति राशि निर्धारित करते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए था कि अपीलार्थी को शेष रहे जीवन में एक हाथ के पूर्ण प्रयोग बिना कार्य करना था और इस प्रकार उसे कार्य ढूंढने में कठिनाई होती| इसलिए भावी आय की हानि की गणना के लिए निशक्तता को 68% न कि 20% आँका जाना चाहिए| इस प्रकार भावी आय की हानि को 318240रुपये आँका गया और कुल क्षति पूर्ति 477240 रुपये स्वीकार कर अपील अनुमत की गयी|
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