Friday, October 28, 2011

लिंग निर्धारण रोकने के लिए सख्त कानून?

मुंबई। महाराष्ट में अनाधिकृत चिकित्सकीय गर्भपात( एमटीपी) पर नियंत्रण के लिए कदम सुझाने के लिहाज से गठित नौ सदस्यीय समिति ने एमटीपी कानून में संशोधनों की सिफारिश की है। सरकार के लिंग निर्धारण पर काबू पाने के प्रयासों के तहत इस तरह के सुझाव दिये गये हैं।


लिंग निर्धारण रोकने के लिए सख्त एमटीपी कानून की सिफारिश स्वास्थ्य मंत्री सुरेश शेट्टी ने कहा कि केंद्र जन्मपूर्व लिंग निर्धारण से जुड़े कानून पीसीपीएनडीटी की प्रक्रिया पर काम कर रहा है| इसलिए उसे सिफारिशें भेजी जाएंगी। उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी पर राज्यस्तरीय बैठक में सिफारिशों पर चर्चा की जाएगी।
डा संजय ओक की अध्यक्षता वाली समिति ने एमटीपी कानून के उल्लंघन की स्थिति में कड़ी सजा की मांग की है। समिति के अनुसार सरकार द्वारा गठित जिला स्तरीय समितियों पर निगरानी के लिए एक उच्च प्राधिकरण होना चाहिए। सिफारिशों में हर तीन साल में एमटीपी केंद्र के पंजीकरण का नवीनीकरण करने की बात भी शामिल हैं। इस दिशा में निजी क्षेत्र के नियमन को जरूरी बताया गया है। कहा गया है कि सभी एमटीपी केंद्रों का पंजीकरण मुंबई नर्सिंग होम नियामक कानून 2005 के तहत होना चाहिए। इसके अतिरिक्त समिति ने अन्य कई सुझाव दिये हैं। स्त्रोत : लिंग निर्धारण रोकने के लिए सख्त कानून की सिफारिश, हिंदी वन इंडिया, गुरूवार, अक्तूबर २०, २०११

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